हिन्दू धर्म की मान्यता केअनुसार, दिवाली से जुड़े कई अनुसने रहस्यों के बारे में आप जानेंगे। 

पहला रहस्य-

कठोपनिषद में यम नचिकेता प्रसंग के अनुसार, नचिकेता ने यमराज से जन्म मरण का रहस्य जाना,

जिस दिन नचिकेता आत्मा की नश्वरता के ज्ञान लेकर पृथ्वी लोक में वापस लौटे, तब भुलोक के लोगों ने घी के दीपक जलाए, उस दिन को दीपावली के रूप में मनाया गया।

जिस दिन नचिकेता पृथ्वी लोक वापस लौटे, उस दिन कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली के रूप में मनाया गया। इसलिए आज भी हम कार्तिक मास की अमावस्या के दिन दीपावली मानते हैं। 

दूसरा रहस्य-

हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार, इसी दिन देवों और असुरों के द्वारा समुद्र मंथन करने से मां लक्ष्मी जी का भी आविर्भाव हुआ।

तीसरा रहस्य-

जब असुरराज बलि ने अपने परम तपस्वी गुरु शुक्राचार्य की कृपा से देवराज इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया। 

तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर राजा बलि द्वारा आयोजित  यज्ञ में जा पहुंचे। दैत्यराज बलि ने वामन भगवान से इच्छानुसार दान मांगने का आग्रह किया। 

तब ब्राह्मण (वामन) रूप धारण किये भगवान विष्णु ने संकल्प लेने के बाद बलि से तीन पग भूमि मांग ली ।

तब संकल्पबद्ध बलि का आग्रह पूर्ण करने के लिए, भगवान वामन ने पहले पग में समस्त भू मंडल तथा दूसरे पग में त्रिलोकी को नाप दिया। तीसरे पग में बलि ने स्वयं को भगवान के समर्पित कर दिया।

तब भगवान वामनावतार आभार व्यक्त करने के लिए देवताओं तथा समस्त भूलोक वासियों ने भगवान का दीपमाला की और घर-घर दीप जलाये।  

चौथा रहस्य-

जब भगवान कृष्ण ने 'नरकासुर' का वध किया, तो अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या को लोगों ने इस खुशी में अपने घरों में दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया।